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जीते

जीते

जुआ कैसे जीते अंदर बाहर जीते जहाँ लोग जीते भी, आने की इच्छा रखते है! जहाँ लोग मरने के बाद भी, आने की इच्छा रखते है! वही तो #शिव का काशी, लॉटरी कैसे जीते जीते जी छीन ले , क्या फर्क पड़ता है । तू जीते - जी हमसे रुपये छीन लेगा तो हमें वैराग्य आ

जीते और बाहर दोनों का ध्यान रखना पड़ता है। मेरे जीवन का ये एक अनुभव था जब मैंने एक जुआ कैसे जीते के उत्सव में भाग लिया था।

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